NIPUN ASSESSMENT TEST (NAT-1) : समस्त जनपदों में कक्षा 1-8 के समस्त बच्चों का 'सरल एप’ के माध्यम से कराए जाने के संबंध में

 NIPUN ASSESSMENT TEST (NAT-1) : समस्त जनपदों में कक्षा 1-8 के समस्त बच्चों का 'सरल एप’ के माध्यम से कराए जाने के संबंध में


NIPUN ASSESSMENT TEST (NAT-1) : समस्त जनपदों में कक्षा 1-8 के समस्त बच्चों का 'सरल एप’ के माध्यम से कराए जाने के संबंध में


समस्त जनपदों में कक्षा 1-8 के समस्त बच्चों का 'सरल एप’ के माध्यम से NIPUN Assessment Test (NAT-1) कराए जाने के संबंध में।


लखनऊ में 15, अयोध्या में 20 अक्तूबर को और शेष जिलों में अक्तूबर के अंतिम सप्ताह में होगी निपुण एसेसमेंट परीक्षा

परिषदीय व कस्तूरबा के 8 वीं तक के छात्रों का परखा जाएगा शैक्षिक स्तर


लखनऊ। परिषदीय विद्यालयों व कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों का शैक्षिक स्तर आंकने के लिए निपुण मूल्यांकन परीक्षा (निपुण एसेसमेंट टेस्ट) यानी नेट का आयोजन किया जाएगा। पायलट आधार पर होने वाली यह परीक्षा लखनऊ में 15 व अयोध्या मंडल में 20 अक्तूबर को होगी, जबकि शेष जिलों में महीने के अंतिम सप्ताह में होगी।

महानिदेशक स्कूल शिक्षा के अनुसार, त्रैमासिक मूल्यांकन के लिए नेट के आयोजन का उद्देश्य विद्यालयों में बेहतर और सकारात्मक शैक्षिक वातावरण तैयार करना है। इससे आवश्यकतानुसार कक्षा संचालन, रेमेडियल शिक्षण व अन्य सुधारात्मक कार्यवाही की जाएंगी। इस संबंध में सभी बीएसए व डायट प्राचार्य को निर्देश दे दिए गए हैं। कक्षा 1 से 3 तक के छात्रों की परीक्षा सुबह 9.30 बजे और 4 से 8 तक के लिए दोपहर 12.30 बजे से होगी।


परीक्षा का प्रारूप


🔴 परीक्षा में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति के लिए अभिभावकों को जागरूक किया जाएगा। शिक्षक व स्टाफ परीक्षा से एक घंटा पूर्व विद्यालय पहुंचेंगे और 15 मिनट पहले पर्यवेक्षक व शिक्षकों की मौजूदगी में प्रश्नपत्र के पैकेट खोले जाएंगे।

🔴 कक्षा 1 से 3 तक प्रश्नों के जवाब पूछकर शिक्षक काले पेन से ओएमआर शीट पर भरेंगे।

🔴 कक्षा 4 से 8 तक के बच्चों को शीट भरने का तरीका बताया जाएगा। इसके लिए बच्चों को काले बाल पेन दिए जाएंगे। 1 घंटा 30 मिनट की परीक्षा में 10 मिनट शीट भरने के बारे में बताया जाएगा। 60 मिनट में प्रश्न हल किए जाएंगे, जबकि 20 मिनट में शीट भरी जाएगी।

🔴 1 से 8 तक के बच्चों की शीट पर परीक्षा लेने के बाद प्रधानाध्यापक व शिक्षक खुद स्कैन कर सरल एप पर डाउनलोड करेंगे। नेटवर्क कम होने की स्थिति में नजदीकी विद्यालय में स्कैनिंग करेंगे।








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