वर्ष 2024 के आम चुनाव से पहले मतदाता सूची और आधार को जोड़ दिया जाएगा। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने अभियान चलाकर 31 मार्च, 2023 तक सौ फीसदी मतदाताओं से स्वैच्छिक तरीके से आधार नंबर जुटाने का लक्ष्य तय किया है।
आयोग के प्रधान सचिव अजोय कुमार ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को जारी दिशा-निर्देशों में मतदाता सूची जोड़ने और प्रमाणीकरण के लिए मतदाताओं से आधार नंबर लेने के कानूनी प्रावधान भी साझा किए हैं। नागरिक खुद भी इसके लिए फॉर्म-6बी भरकर एक अप्रैल 2023 से पहले जमा करवा सकते हैं। हालांकि, आधार न देने पर सूची से मतदाता की कोई जानकारी हटाई नहीं जाएगी। विधि मंत्रालय के अनुसार, आधार की जानकारी देना स्वैच्छिक है।
डाटा लीक तो मतदान अधिकारी पर कार्रवाई
चुनाव आयोग ने मतदाता पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को चेताया है कि अगर आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ने के लिए नागरिकों द्वारा दिए फॉर्म लीक हुए तो उन पर कड़ी कार्रवाई होगी। आयोग ने इस अभियान की निगरानी के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल विकसित किया है। सभी राज्यों के सीईओ को निर्वाचन क्षेत्रवार अभियान की ऑनलाइन प्रगति रिपोर्ट देनी होगी।
आयोग के प्रधान सचिव अजोय कुमार ने बताया है कि इस फैसले से निर्वाचक की पहचान स्थापित हो सकेगी। साथ ही, मतदाता सूची में शामिल सूचनाओं के प्रमाणीकरण, एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों में या एक से अधिक बार एक ही व्यक्ति के नाम के पंजीकरण की पहचान की जा सकेगी।
चलाया जाएगा घर-घर संपर्क अभियान
आयोग के प्रधान सचिव ने बताया है कि जुलाई में कार्मिकों के लिए प्रशिक्षण होगा। एक अगस्त से 31 दिसंबर तक जागरूकता कार्यक्रम होंगे। घर-घर संपर्क अभियान का कार्यक्रम भी डिजाइन कर उसका क्रियान्वयन कराएंगे। सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को भेजे पत्र में आयोग ने लिखा कि वे क्लस्टर लेवल पर कैंप लगा कर मतदाताओं को आधार नंबर देने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। साथ ही बता सकते हैं कि इससे भविष्य में बेहतर सेवाएं देने व मतदाता सूची प्रमाणन में मदद मिलेगी।
आयोग के प्रधान सचिव अजोय कुमार ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को जारी दिशा-निर्देशों में मतदाता सूची जोड़ने और प्रमाणीकरण के लिए मतदाताओं से आधार नंबर लेने के कानूनी प्रावधान भी साझा किए हैं।
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