देशभर के स्कूलों में प्राइमरी से इंटर तक शिक्षकों की नियुक्ति को शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी टीईटी इसी वर्ष लागू हो जाएगी। एनसीटीई 31 मार्च तक इंटर तक टीईटी गाइडलाइन तैयार करते हुए जारी कर देगी। अभी तक कक्षा एक से पांच और कक्षा छह से आठ तक प्राइमरी-जूनियर स्तर पर टीईटी का ही प्रारूप निर्धारित है। वर्ष 2011 से सीबीएसई और राज्य टीईटी करा रहे हैं।
राज्यों से मांगा रिकॉर्ड, फिर तय होगा प्रारूप
एनसीटीई 12वीं तक टीईटी प्रारूप तैयार करने से पहले जारी प्राथमिक-उच्च प्राथमिक टीईटी के डाटा का विश्लेषण करेगी। एनसीटीई ने राज्यों से टीईटी में पास छात्र, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्तर पर पास प्रतिशत, गणित-विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में पास प्रतिशत का रिकॉर्ड मांगा है। बीएड, एमएड, डीएलएड और अन्य योग्यता के आधार पर शामिल छात्रों का डाटा भी देना होगा। चूंकि पूर्व में टीईटी पर अनेक राज्य, एजेंसी और विभिन्न संगठनों से सवाल उठाए थे, ऐसे में एनसीटीई इंटर तक टीईटी के प्रारूप से पहले व्यापक स्तर पर विश्लेषण करेगी।
यूपी में टीजीटी-पीजीटी आ सकता है दायरे में
एनसीटीई के 31 मार्च तक इंटर तक टीईटी की गाइडलाइन देने के निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित टीजीटी-पीजीटी का विज्ञापन इसके दायरे में आना तय है। अक्तूबर 2020 में सरकार ने विज्ञापन जारी किया था, लेकिन बाद में इसे रोक दिया गया। तब टीजीटी-पीजीटी दोनों ही टीईटी के दायरे में नहीं थे। लेकिन अब एनसीटीई की 31 मार्च तक गाइडलाइन देने के निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश में टीजीटी-पीजीटी के विज्ञापन में समय लग सकता है। फिलहाल शासन 18 फरवरी से एडेड जूनियर स्कूलों में नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है। इसके लिए टीईटी की पहले से व्यवस्था है।
TET Exam 2021: नई शिक्षा नीति के तहत टीईटी में भी बदलाव किया जाएगा. इस संबंध में एनसीटीई ने उन राज्यों से 15 फरवरी तक शिक्षक पात्रता परीक्षा की रिपोर्ट मांगी है, जहां हाल ही में इस परीक्षा का आयोजन किया गया था.
नई दिल्ली. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Educational Policy, NEP) के तहत शिक्षक पात्रता परीक्षा, टीईटी (Teachers Eligibility Test, TET) में भी बदलाव किया जाएगा. टीईटी में बदलाव के संबंध में कार्य योजना बनाने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) को दी गई. परिषद ने उन राज्यों से 15 फरवरी तक परीक्षा से संबंधित रिपोर्ट मांगी है, जहां हाल ही में इस परीक्षा का आयोजन हुआ था.
एनसीटीई ने इन बिंदुओं पर मांगी है रिपोर्ट
एनसीटीई ने परीक्षा में पूछे गए प्रश्नों के पैटर्न और शामिल परीक्षार्थियों की जानकारी मांगी है. साथ ही सफल हुए अभ्यर्थियों की संख्या सहित कई अन्य बिंदुओं पर विभिन्न राज्यों से रिपोर्ट मांगी है. गौरतलब है कि नई शिक्षा नीति में शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम पर जोर दिया गया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए भी यह परीक्षा होनी है.
स्कूली शिक्षा नियमावली में करना होगा बदलाव
नई शिक्षा नीति के तहत एनसीटीई द्वारा टीईटी को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. इसके बाद राज्यों को स्कूली शिक्षा के नियमों में बदलाव करना होगा. शिक्षकों की चयन प्रक्रिया में एनसीटीई की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करना करना अनिवार्य होता है.
पहले से ही अनिवार्य किया गया है यह नियम
शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पात्रता परीक्षा पास करने की अनिवार्यता को साल 2010 से ही लागू किया गया है. झारखंड में इस परीक्षा का आयोजन अभी तक केवल दो बार ही किया गया है. पहली बार वर्ष 2012 और दूसरी बार साल 2015 में, जबकि यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष आयोजित होनी है. वहीं राज्य में तीसरी बार शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए नियमावली में संशोधन किया जा रहा है.
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