PANCHAYAT ELECTION : मार्च-अप्रैल में होंगे पंचायत चुनाव

 PANCHAYAT ELECTION : मार्च-अप्रैल में होंगे पंचायत चुनाव

 

PANCHAYAT ELECTION

हाईकोर्ट का आदेश न होता तो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मार्च-अप्रैल में न कराए जाते। राज्य सरकारें व राज्य निर्वाचन आयोग इन महीनों में चुनाव कराने से बचते रहे हैं। इसके पीछे बाकायदा तर्क भी रहे हैं। वित्तीय वर्ष का अंतिम माह होने से मार्च में ही वित्तीय स्वीकृतियों के काम को पूरा करने में जहां सरकारी कर्मियों की अधिक व्यस्तता रहती है, वहीं गेहूं सहित रबी फसलों की कटाई होने से किसान भी खाली नहीं रहते हैं।

राज्य में पिछले ढाई दशक के दौरान पांच बार पंचायत के चुनाव हुए हैं। पहली बार वर्ष 1995 में तो पंचायत का चुनाव मार्च-अप्रैल में हुआ, लेकिन उसके बाद के चार पंचायत चुनाव इन महीनों में नहीं हुए। राज्य निर्वाचन आयोग के रिकार्ड के मुताबिक वर्ष 2000 का पंचायत चुनाव मई-जून में और 2005 का जुलाई में शुरू होकर अक्टूबर तक चला। इसी तरह वर्ष 2010 में सितंबर-अक्टूबर में और पिछला यानी 2015 में पंचायत का चुनाव सितंबर से दिसंबर के दौरान कराया गया था।

कोरोना के मद्देनजर यदि कोई दिक्कत न होती तो समय से चुनाव कराए जाने पर अक्टूबर से दिसंबर के बीच ही चुनाव होते, लेकिन सरकार द्वारा परिसीमन व आरक्षण का काम समय से न कराए जाने के कारण चुनाव टलता जा रहा था। चूंकि ग्राम प्रधानों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हुआ था, इसलिए उससे अधिकतम छह माह यानी 25 जून से पहले ही चुनाव कराए जाने की अनिवार्यता थी। ऐसे में सरकार की जो तैयारी थी और आयोग ने जैसा अपना कार्यक्रम बनाया था, उससे मई तक चुनाव प्रक्रिया चलनी थी लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेश से चुनाव तो मार्च-अप्रैल में ही होने हैं। 
 
आयोग के अपर निर्वाचन आयुक्त वेद प्रकाश वर्मा का कहना है कि राज्य सरकार जैसे ही पदों के आरक्षण की अधिसूचना आयोग को उपलब्ध करा देगी, आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी कर देगा ताकि कोर्ट द्वारा तय समय सीमा में ही चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जा सके।
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