HIGH COURT ON GRATUITY: ग्रेच्युटी का भुगतान रोकने पर प्रदेश सरकार पर पांच हजार रुपये हर्जाना, ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार करना मनमानापूर्ण

 HIGH COURT ON GRATUITY: ग्रेच्युटी का भुगतान रोकने पर प्रदेश सरकार पर पांच हजार रुपये हर्जाना, ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार करना मनमानापूर्ण

 

 

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेवानिवृत्त अध्यापक की विधवा को ग्रेच्युटी का भुगतान रोकने पर प्रदेश सरकार पर पांच हजार रुपये हर्जाना लगाया है। कोर्ट ने कहा है कि 60 साल में सेवानिवृत्ति विकल्प देने वाले सहायक अध्यापक ग्रेच्युटी पाने का हकदार है। इसलिए ग्रेच्युटी का भुगतान करने से इंकार करना मनमानापूर्ण है।कोर्ट ने ब्याज सहित ग्रेच्युटी के भुगतान का निर्देश दिया है।  यह आदेश न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र ने बदायूं की  रोशन अख्तर की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। 



याची के पति मुज्जमिल अली खान महात्मा गांधी पालिका इंटर कालेज उझानी, बदायूं में सहायक अध्यापक थे।उन्होने 60साल मे सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया।और उन्हे सत्र लाभ देते हुए 30जून 12को सेवानिवृत्ति दे दी गई।ग्रेच्युटी के अलावा सारे भुगतान कर दिए गए ।और ग्रेच्युटी देने से मनमाने ढंग से इंकार कर दिया गया।जिस पर यह याचिका दाखिल की गई थी।


कोर्ट ने सरकार से दो बार जवाब मांगा और तीसरी बार अंतिम अवसर देने के बावजूद जवाब दाखिल नहीं किया गया ।जिस पर कोर्ट ने बिना  जवाब के याचिका मंजूर कर ली है।

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