UP के सरकारी अस्पतालों में 10 साल तक सेवा करें या 1 करोड़ का जुर्माना दें- योगी सरकार ने PG मेडिकल छात्रों के लिए बदला नियम

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उत्तर प्रदेश में पोस्ट-ग्रेजुएशन (पीजी) मेडिकल पाठ्यक्रमों के छात्रों को 10 साल तक राज्य के अस्पतालों में सेवा देनी होगी. यदि कोई छात्र ऐसा करने में विफल रहता है, तो उसे एक करोड़ रुपये का भारी जुर्माना देना होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार ने शनिवार को पीजी मेडिकल पाठ्यक्रमों के छात्रों के लिए 10 साल की सेवा अनिवार्य करने की घोषणा की. उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में पोस्ट-ग्रेजुएशन कोर्स कर रहे मेडिकल छात्रों के लिए विभाग में 10 साल की सेवा देने का आदेश दिया है. प्रधान सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने कहा, "ऐसा करने में विफल रहने वाले किसी व्यक्ति को 1 करोड़ रुपये का जुर्माना देना पड़ेगा" इसके अलावा, अमित मोहन प्रसाद ने यह भी बताया कि बीच में कोर्स छोड़ने वाले को अगले तीन वर्षों के लिए पीजी डिग्री कोर्स से निलंबित कर दिया जाएगा.

ग्रैजुएशन या पोस्ट ग्रैजुएशन डिग्री प्राप्त करने के बाद, मेडिकल छात्रों को सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में सेवा प्रदान करना आवश्यक है. इस सेवा की अवधि राज्य से दूसरे राज्य में बदलती रहेगी. उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने शुक्रवार को राज्य में 14 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. एक बार कार्यात्मक होने पर, राज्य के 75 जिलों में कम से कम 45 सरकारी मेडिकल कॉलेज होंगे. 

बता दें कि अगस्त में COVID-19 महामारी के बीच डॉक्टर की कमी के संकट को हल करने के लिए, उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने एमडी, एमएस और पीजी डिप्लोमा पाठ्यक्रम पूरा करने वाले डॉक्टरों को एक निश्चित समय के लिए सरकारी अस्पतालों में अनिवार्य सेवा देने के लिए कहा था.

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