कोचिंग संस्थान बंद होने से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने वाले लाखों परीक्षार्थी भी परेशान हैं। अभी प्रतियोगिता परीक्षा का दौर है। कई बड़ी परीक्षाएं होनी हैं। इन्हीं परीक्षाओं पर लाखों परीक्षार्थियों का भविष्य टिका हुआ है। कोचिंग संस्थान बंद होने की वजह से छात्रों की तैयारी नहीं हो पा रही है। इसका सीधा नुकसान परीक्षार्थियों को हो रहा है। अभी हाल के दिनों में कई बड़ी परीक्षाएं होनी हैं। इसमें रेलवे की परीक्षाएं सबसे बड़ी हैं। इसमें देशभर से दो करोड़ 42 लाख परीक्षार्थियों ने आवेदन किया है। बिहार के प्रतियोगिता परीक्षार्थी देशभर में सबसे अधिक आवेदन करते हैं। सिर्फ रेलवे की परीक्षा में बिहार से सात लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने आवेदन किया है। इसके अलावा अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारियों में आवेदन करते हैं।
बैंक में दो लाख से अधिक छात्रों ने आवेदन किया है। यहां के छात्र सरकारी नौकरी के प्रति ज्यादा भरोसा करते हैं। इसके अलावा केन्द्रीय एसएससी स्टेनोग्राफर, ग्रुप सी की कई परीक्षाएं होनी है। बिहार चुनाव की वजह से टाल दी गई थी। इनमें लाखों आवेदन करने वाले बिहारी छात्र हैं। इसके अलावा अन्य राज्यों की प्रतियोगिता परीक्षा के लिए छात्र तैयारी करते हैं। पटना में प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग संस्थानों का हब है। यहां पूरे राज्य के अलावा दूसरे राज्य के छात्र भी तैयारी करने के लिए आते हैं। इसके अलावा बिहार की अलग प्रतियोगी परीक्षाएं होनी है। ग्रामीण प्रवेश से आने वाले परीक्षार्थी इंटरनेट फ्रेंडली नहीं होने की वजह से सही तरीके से तैयारी करने में असमर्थ हैं। अगर सरकार कोचिंग संस्थान नहीं खोलती है तो बिहार के छात्र प्रतियोगिता परीक्षा में पिछड़ जाएंगे। ऐसी स्थिति में सरकार को कोचिंग संस्थान खोलने के लिए कोई सार्थक पहल करनी होगी। भले सरकार कुछ शर्तें तय कर दें।
07 लाख बिहार से रेलवे में व बैंक से दो लाख छात्रों ने किया है आवेदन
- कोचिंग बंद होने से बिहार के लाखों प्रतियोगिता परीक्षार्थियों परेशान
- बिहार के छात्र सबसे अधिक प्रतियोगिता परीक्षा में होते हैं शामिल
मेडिकल व इंजीनियरिंग के छात्रों को नुकसान
राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में बेहतर करने के लिए बिहार में कोचिंग संस्थानों को खोला जाना जरूरी है। बिना शिक्षकों के गाइडेंस के छात्र सफलता प्राप्त नहीं कर सकते हैं। खासकर मेडिकल और इंजीनियरिंग की परीक्षाएं में काफी बड़ी प्रतियोगिता होती है। ऐसी स्थिति में इन संस्थानों को खोला जाना है। अब संस्थान वाले भी बिना काम पैसे देने में अपनी कर्मियों को असमर्थ हो गए हैं।
प्रमुख तिथियां
15. 12. 2012 रेलवे की परीक्षाएं
13.12.2020 बिहार एसएससी मुख्य परीक्षा
16.12.2020 बिहार वनरक्षी परीक्षा
20.12.2020 बिहार वनपाल परीक्षा
27.12.2020 बिहार लोक सेवा आयोग प्रारंभिक परीक्षा
3.01.2021 बिहार चालक सिपाही परीक्षा
10.01.2021 स्टेनो एएसआई प्री एग्जाम
17.01.2021 रेंज ऑफिसर प्री एग्जाम
24.01.2020 सिपाही होम गार्ड
कोचिंग संस्थानों से जुड़े हजारों लोग परेशान
साथ ही इन संस्थानों से जुड़े शिक्षक, कर्मचारी और अन्य कर्मी परेशान हैं। इस लॉकडाउन में कई कोचिंग संस्थान तो बंद हो गए। इन पर रेंट का इतना कर्ज हो गया है कि मजबूरी में इन्हें कोचिंग बंद करना पड़ा। इसके अलावा कुर्सी बेंच भी बेचना पड़ा। इन संस्थानों से जुड़े हजारों युवा बेरोजगार हो गए और सड़क पर आ गए हैं। इनकी घर की हालत खराब हो गई है। जूपिटर के निदेशक सह कैब के सदस्य जे राय कहते हैं कि संस्थान के खोले जाने सरकार को रेवेन्यू का भी लाभ है। कोचिंग बंद होने से सरकार को काफी नुकसान है। नियमों और शर्तों के साथ कोचिंग खोला जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने से बिहार के छात्रों को काफी नुकसान है।
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