यह है हेल्पलाइन का टोली फ्री नंबर
मंत्रालय ने इसके लिए जो टोल फ्री नंबर चुना है, वह-14567 है। फिलहाल यह नंबर मौजूदा समय में तेलंगाना सरकार इस्तेमाल कर रही है। मंत्रालय ने इसका ट्रायल भी तेंलगाना में ही किया। इस हेल्पलाइन नंबर के लिए टाटा ट्रस्ट और विजयवाहिनी चैरिटेबल फाउंडेशन की भी मदद ली गई है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय बुजुर्गों के लिए प्रस्तावित इस हेल्पलाइन नंबर को लेकर पिछले सालभर से काम कर रहा था।
शुरुआत में ये राज्य होंगे शामिल
बुजुर्गों की मदद के लिए 26 जनवरी से शुुरू होने वाली इस हेल्पलाइन सेवा के लिए अभी राज्यों के नामों को अंतिम रूप नहीं दिया गया है, लेकिन सूत्रों की मानें तो इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्य शामिल रहेंगे।
स्वयंसेवी संस्थाएं और सामाजिक कार्यकर्ता जुड़ेंगे
मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक, इस हेल्पलाइन सेवा से बुजुर्गों के लिए काम करने वाले देशभर के स्वयंसेवी संस्थाएं और सामाजिक कार्यकर्ता जुड़े होंगे। साथ ही सभी पुलिस थाने और जिला प्रशासन के अधिकारी भी जोड़े जाएंगे। बुजुुर्गों को सुरक्षा सहित अपनी छोटी-छोटी जरूरतों के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा। वे गुजारा भत्ता और पेंशन से जुड़े मामले भी इसके जरिए दर्ज करा सकेंगे।
पेंशन के लिए संतान की उम्र का नियम खत्म
पानीपत से यह खबर है कि बुढ़ापा पेंशन बनवाने की खातिर बड़ी संतान की उम्र 40 होने का जो नियम समाज कल्याण विभाग ने बना रखा था, उसे अब खत्म कर दिया गया है। इससे बुजुर्गों की परेशानी अब बढ़ने वाली है।वृद्धावस्था सम्मान पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अब जन्म प्रमाण पत्र या मेडिकल प्रमाण पत्र को ही अनिवार्य किया गया है। इससे पहले जिन बुजुर्गों के पास जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित दस्तावेज नहीं होता था, उन्हें बड़े बेटे या बेटी की उम्र 40 वर्ष हो जाती थी तो उनका जन्म प्रमाण पत्र देने के बाद उनकी पेंशन बन जाती थी लेकिन अब जिनके पास अपने जन्म से संबंधित किसी तरह का दस्तावेज नहीं है, तो उनके पास केवल मेडिकल कैंप का ही विकल्प बचा है। उन्हें मेडिकल कैंप का इंतजार करना पड़ेगायह भी पढ़ें
कई बुजुर्गों के पास आयु प्रमाण नहीं
समाज कल्याण विभाग निदेशालय ने बुढ़ापा पेंशन बनाने की प्रक्रिया में कुछ बदलाव किया है। इस बदलाव से बुजुर्गों की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि कई बुजुर्ग ऐसे हैं जिनके पास खुद की उम्र 60 होने का कोई प्रमाण नहीं है। ऐसे में वह बुजुर्ग अपनी बड़ी संतान की उम्र 40 होने पर उसका जन्म प्रमाण पत्र देने के बाद बुढ़ापा पेंशन का लाभ प्राप्त कर सकते थे लेकिन अब समाज कल्याण विभाग ने इस नियम को ही खत्म कर दिया है। पेंशन का लाभ लेने के लिए पात्र ज्यादातर बुजुर्गों के पास उनकी आयु से संबंधित किसी तरह का दस्तावेज नहीं मिल पाता। जिला समाज कल्याण अधिकारी सरोज देवी ने कहा कि बुढ़ापा पेंशन बनवाने के लिए बुजुर्ग को फिलहाल अपना जन्म प्रमाण पत्र लाना ही जरूरी होगा। क्योंकि मेडिकल कैंप लगाने के आदेश अभी मुख्यालय से नहीं आए हैं। बड़ी संतान की उम्र 40 होने के नियम को विभाग ने खत्म कर दिया है।
इन कर्मचारियों के लिए पीएफ व पेंशन शुरू करने जा रही है केंद्र सरकार
केंद्र सरकार अब डिलीवरी मैन व कैब चालकों को भी पीएफ व पेंशन के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। गौरतलब है कि निजी क्षेत्र में कार्यरत सभी को पीएफ व पेंशन का लाभ नहीं मिल पाता है। न्यूनतम 20 कर्मचारी नहीं होने पर कोई भी संस्था अपने कर्मचारियों को पीएफ व पेंशन की सुविधा प्रदान नहीं करती। इसके अलावा जो लोग किसी संस्था में काम नहीं करते बल्कि स्वनिर्भर पेशे से जुड़े हैं, उन्हें भी पेंशन व पीएफ की सुविधा प्राप्त नहीं होती। अब उस वर्ग के लिए भी केंद्र सरकार पीएफ व पेंशन शुरू करने जा रही है। सबसे ज्यादा ध्यान 'प्लेटफार्म वर्करों' पर दिया जा रहा है। प्लेटफार्म वर्करों' में वे लोग आते है, जिन्हें नियोक्ता की तरफ से मासिक तौर पर कोई निर्धारित वेतन नहीं दिया जाता। इनमें डिलीवरी मैन, कैब चालक इत्यादि शामिल हैं। आंकड़ों के मुताबिक देश में समय लाखों कर्मचारी घर-घर जाकर ई-कॉमर्स के उत्पादों की बिक्री व डिलीवरी कर रहे हैं।
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