EPFO: पीएफ खाते पर मिलते हैं ये पांच फायदे, आपका बुढ़ापा होता है सुरक्षित

 EPFO : नौकरीपेशा लोगों के लिए भविष्य निधि (पीएफ) का पैसे बहुत मायने रखता है। यह सिर्फ उनकी बचत ही नहीं, बल्कि रिटायरमेंट के लिए मिलने वाली एक पूंजी होती है। देश में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सभी कर्मचारियों को पीएफ की सुविधा प्रदान करता है। इसके लिए, कर्मचारी के वेतन में से एक छोटा सा हिस्सा पीएफ एकाउंट में जमा करने के लिए काटा जाता है। हालांकि, पीएफ खाते से जुड़े कई अन्य फायदे भी हैं, जो पीएफ खाताधारकों को मिलते हैं। ईपीएफ से जुड़ी कई फायदे जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं होती है हम आपको बता रहे हैं।

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मुफ्त बीमा का लाभ

किसी भी व्यक्ति को नौकरी लगने के बाद उसका पीएफ खाता खोला जाता है। जैसे ही कर्मचारी का पीएफ खाता खुलता है, तब वह बाई-डिफॉल्ट बीमित भी हो जाता है। कर्मचारी डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (ईडीएलआई) के तहत कर्मचारी का छह लाख रुपये तक का बीमा होता है। ईपीएफओ के सक्रिय सदस्य की सर्विस अविध के दौरान मृत्यु होने पर उसके नामित या कानूनी वारिस को छह लाख रुपये तक का भुगतान किया जाता है। यह लाभ कंपनियां और केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों को उपलब्ध कराती हैं।

आयकर में 80सी के तहत कर छूट

नौकरीपेशा वर्ग के लिए ईपीएफ कर बचाने का एक बेहतरीन जरिया है। आयकर की धारा 80सी के तहत ईपीएफ में जमा 1.5 लाख रुपये पर आयकर छूट प्राप्त होता है। ईपीएफ खाताधारक अपनी सैलरी पर बनने वाले टैक्स में 12 प्रतिशत तक की बचत कर सकते हैं। हालांकि, यह लाभ नए टैक्स कानून में बंद कर दिया गया है पुरानी कर व्यवस्था का चयन कर इस लाभ का फायदा अभी भी उठा सकते हैं।

रिटायरमेंट के बाद पेंशन

ईपीएफओ कानून के तहत, कर्मचारी के मूल वेतन और महंगाई भत्ते (डीए) का 12 प्रतिशत हिस्सा पीएफ खाते में जमा किया जाता है। इसी प्रकार, कंपनियां भी मूल वेतन और डीए का 12 प्रतिशत हिस्सा पीएफ खाते में जमा करती हैं, जिसमें से 3.67 प्रतिशत कर्मचारी के खाते में जाता है और शेष 8.33 प्रतिशत हिस्सा कर्मचारी पेंशन स्कीम में जमा होता है। इसके अंदर कम से कम 10 साल काम कर चुका वेतनभोगी कर्मचारी 58 साल की आयु में रिटायरमेंट के बाद पेंशन पाने के योग्य होता है। इससे रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को पेंशन मिलती है।

जरूरत पर पैसे निकासी की सुविधा

पीएफ खाते में जमा रकम संकट के समय बड़ा काम आता है। पीएफ कानून के तहत जरूरत पड़ने पर कर्मचारी एक निश्चित रकम ही निकाल सकते हैं। पीएफ कानून के तहत मकान खरीदने या बनाने के लिए, मकान के लोन रीपेमेंट के लिए, बीमारी में, बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए, लड़की की शादी के लिए पैसे की निकासी की जा सकती है। हालांकि, इन फायदों का लाभ उठाने के लिए खाताधारकों को एक निश्चित समय तक ईपीएफओ का सदस्य होना जरूरी है।

निष्क्रिय खाते पर ब्याज

ईपीएएफओ की सबसे अच्छी बात यह है कि कर्मचारियों के निष्क्रिय पीएफ खाते पर भी ब्याज का भुगतान किया जाता है। 2016 में कानून में किए गए बदलाव के मुताबिक, अब पीएफ खाताधारकों को उनके तीन साल से अधिक समय से निष्क्रिय पड़े पीएफ खाते में जमा राशि पर भी ब्याज का भुगतान किया जाता है। इससे पहले, तीन साल से निष्क्रिय पड़े पीएफ खाते पर ब्याज देने का प्रावधान नहीं था।


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