
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) दिसंबर के अंत तक करीब 6 करोड़ सब्सक्राइबर्स के खाते में 8.5% ब्याज की रकम जमा कर सकता है. EPFO की तरफ से यह रकम ईटीएफ में उसके द्वारा किए गए निवेश को लिक्विडेट कर जुटाया जाएगा.
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने अपने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि श्रम मंत्रालय (Labor Ministry) ने वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव तहत सहमति मांगी है कि 2019-20 के लिए EPF खातों में 8.5 फीसदी की ब्याज जमा कर दी जाए. आने वाले सप्ताह में वित्त मंत्रालय इसपर फैसला ले सकता है. इसके बाद दिसंबर महीने के अंत में यह ब्याज पीएफ होल्डर्स के खातों में भेज दिए जाएंगे.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में तय हुई ब्याज दर
सूत्रों ने यह भी बताया है कि इसके पहले वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने पिछले वित्त वर्ष में ब्याज दर को लेकर स्पष्टीकरण मांगा था. बाद में उसे इसे बारे में जानकारी भी दे दी गई थी. इसी साल मार्च में, EPFO की सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT - Central Board of Trustees) की एक बैठक में 8.5 फीसदी की दर से ब्याज देने की मंजूरी दी गई थी. इस बैठक में संतोष गंगवार भी शामिल रहे थे.
सितंबर में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की एक वर्चुअल बैठक में EPFO ने पिछले वित्त वर्ष के लिए 8.5 फीसदी की दर से ब्याज देने का अंतिम फैसला लिया था. इसी बैठक में यह भी तय हुआ कि इसे दो इंस्टॉलमेंट में बांटा जाएगा. पहला इंस्टॉलमेंट 8.15 फीसदी और दूसरा इंस्टॉलमेंट 0.35 फीसदी का होगा. उस दौरान श्रम मंत्रालय ने कहा था कि कोविड-19 की इस असाधारण परिस्थिति में पीएफ ब्याज दरों का रिव्यू किया गया है और CBT सरकार से सिफारिश की है कि यह दर 8.5 फीसदी होनी चाहिए.
उस दौरान बताया गया था कि 8.50 फीसदी में से 8.15 फीसदी ब्याज एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के डेब्ट इनकम के जरिए और बाकी 0.35 फीसदी कैपिटल गेन्स से आएगा. पहले की प्लानिंग के तहत 8.15 फीसदी ब्याज वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलने के तुरंत बाद ईपीएफ में जमा की जानी थी. जबकि, बाकी का 0.35 फीसदी दिसंबर तक आने थे.
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